दो से अधिक बच्चे वाले को सरकारी नौकरी नहीं, 2021 से होगा लागू।

सोमवार देर शाम कैबिनेट की हुयी बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। असम मंत्रिमंडल की बैठक में नयी भूमि नीति को भी मंजूरी दी गयी जिससे भूमिहीन लोगों को साढे तीन बीघा भूमि दी जाएगी। 
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के जनसंपर्क प्रकोष्ठ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि छोटे परिवार के मानक के अनुसार एक जनवरी 2021 से दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी, इस नीति के अनुसार सरकारी नौकरी पाने के लिए वो लोग उम्मीदवार नहीं बन सकते जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। 
हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी के इस फैसले को प्रदेश में उनकी लंबी राजनीतिक महत्वकांक्षा से जोड़कर भी देखा जा रहा है क्योंकि साल 2011 की जनगणना के हिसाब से असम की कुल आबादी 3 करोड़ 11 लाख 69 हजार में मुसलमानों की जनसंख्या करीब 1 करोड़ 67 लाख 9 हजार है।
यानी राज्य की कुल जनसंख्या में मुसलमानों की आबादी 34.22 फीसदी यानी एक तिहाई से अधिक है। इसके अलावा यहां के 33 में नौ जिले मुसलमान बहुल हैं। 
असम प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गुप्ता ने बताया, हमारी पार्टी जनसंख्या नीति के तहत यह काम कर रही है। जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही उससे तमाम सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इस जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हमारी सरकार ने लोगों से गुजारिशें की है कि वे दो बच्चे ही पैदा करें।
वे कहते हैं, यह काम थोड़ा बाध्यतामूलक लगता है लेकिन इससे उन तमाम परिवारों को भी कई तरह से राहत मिलेगी।
सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग इस नीति को ध्यान में रखेंगे। इसमें किसी के साथ अन्याय करना या फिर राजनीतिक तौर पर किसी धर्म विशेष से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। दो संतान पैदा करने से आर्थिक रूप से भी वो परिवार आगे बढ़ेगा।
वरना कम समय के भीतर ज्यादा संतान पैदा करने से पहले वाले बच्चों के पालन पोषण का बोझ बढ़ेगा और वहीं बेरोजगारी भी बढ़ाएगी। यह नीति सबके लिए है, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान।
असम सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में नई भूमि नीति को भी मंजूरी दी गई जिससे भूमिहीन स्थानीय लोगों को तीन बीघा कृषि भूमि और एक मकान बनाने के लिए आधा बीघा जमीन देने का फैसला लिया गया है।