मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौरवासियों को शुक्रवार को 897 करोड़ रुपए के कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री राऊ विधानसभा में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने रंगवासा में करीब 40 करोड़ रुपए से बन रहे कनफेक्शनरी क्लस्टर का भूमिपूजन किया। इसके बाद सांवेर तहसील के 2455 किसानों के 18.07 करोड़, देपालपुर तहसील के 4777 किसानों के 34.61 करोड़ और इंदौर तहसील के 2379 किसानों के 17.48 करोड़ रुपए के ऋण माफी का प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा मकसद मप्र में निवेश की क्रांति लाना है। जीएसटी से हमारी ताकत में काफी इजाफा हुआ है।
सबसे पहले आशा कन्फेक्शनरी का दौरा किया
बाणगंगा स्थित आशा कन्फेक्शनरी के कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा - हमारा प्रदेश पांच राज्यों से घिरा हुआ है, जो हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जीएसटी आने के बाद इस ताकत में और इजाफा हुआ है। हम इसका पूरा फायदा उठाएंगे। हमारी सोचा और नजरिया पूरी तरह से स्पष्ट है। हम चाहते हैं कि मप्र में निवेश की एक क्रांति आए। यह केवल शासन की नीतियों से संभव नहीं है। इसके लिए हमें प्रदेशवासियों के सहयोग की जरूरत है। प्रदेशवासी व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ें, जिससे मप्र में आर्थिक तेजी आए। मप्र की तुलना छोटे नहीं बड़े प्रदेशों से हो यही हमारा मकसद है।
वक्त की मांग है “रिवाइवल ऑफ द वीकेस्ट”
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के 125वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट की अवधारणा वर्तमान समय में सही साबित नहीं होती, बल्कि आज की जरूरत रिवाइवल ऑफ द वीकेस्ट है। अर्थात सरकार एवं समाज को हर स्तर पर गरीब, पिछड़े लोगों की सहायता कर उन्हें अपने स्तर तक लाना आवश्यक है। दुनिया हर पांच-दस साल में परिवर्तित हो रही है। भारत भी बदल रहा है एवं लोगों की आवश्यकताएं परिवर्तित हो रहीं हैं। अतः सीआईआई को यह प्रयास करना चाहिए कि वह लोगों की बदलती हुई आवश्यकताओं के अनुसार एक मोटीवेटिंग इंडस्ट्री के रूप में कार्य कर सके।